तीन गोली
आत्मा अपनी वो पावन देश को देकर गया था, है अहिंसा शक्ति अपनी बात इतनी कह गया था, मूर्ख थे हम तो निपट फिर बात उसकी क्या समझते, बांटने के फेर में हम चल रहे हर पल उलझते, देश की उस आत्मा को आज खुद ही काटकर, कह रहे हैं देश की हम देश को ही बांटकर, शांति की धरती में हमने नफरतों की आग दी.... आज फिर बापू पे हमने तीन गोली दाग दी! -कान्हा जोशी 'uday'